बवासीर का घरेलू इलाज, कारण, लक्षण | Piles Ke Karan lakshan ka gharelu upchar

बवासीर का घरेलू इलाज, कारण, लक्षण

बवासीर के प्रत्येक नाम –

–   अर्श, मस्सा, गुदजा, कील, गुदकीलक, हेमराइड्स।

आज के समय में बिगड़े हुए खान-पान के कारण पाइल्स की समस्या से बहुत से लोग जूझ रहे हैं।

हम आपको बाबासीर के बारे में बताएंगे की बवासीर क्या है, कैसे होती है इसकी शुरुआत, 

अगर आप शुरुआती लक्षणों को पहचान कर सही समय पर इलाज कराएं तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। हम आपको बवासीर का घरेलू इलाज बताएंगे जिसको करके आप काफी हद तक ठीक हो जाएंगे।

1. बवासीर (Piles) क्या है ? | What is Piles ?

 बवासीर में रोगी को मलद्वार के बाहर या भीतर मस्से उत्पन्न होने के कारण अर्श अथवा पाइल्स कहां जाता है।

 वास्तविकता तो यह है कि पाइल्स रक्त धमनियां होती हैं, जिनका गुदाद्वार से संबंध होता है।

अस्तु बवासीर या अर्थ रोगी के मलद्वार के भीतर अथवा बाहर छोटे-छोटे मस्से के प्रकार के दाने उत्पन्न हो जाते हैं।

इन मस्सों के अंदर छोटी छोटी रक्त धमनियां रहती हैं।

 रोगी को इन धमनियों में कुछ दिन तक रक्त जमता रहता है, जिसके कारण वह धमनिया फूल जाती है और मस्से के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं।

 बवासीर में रोगी को इन मस्सों से खून गिरने लगता है।

 इनमें से एक बार में लगभग चार्ज 4 से 5 औंस तक गिरता है।

 रोगी के मस्से दबाव पड़ने पर नीचे लटकने लगते हैं यह दिखने में यह मस्से एक दूसरे से जुड़कर अंगूर के गुच्छों के रूप में उभर आते हैं।

 इनमें रोगी को तीव्र दर्द और जलन होती है जिसमें रोगी को मल त्याग करना उठना बैठना चलना फिरना यहां तक लेटना भी दुश्वार हो जाता है।

 रोगी के मलद्वार के अंदर और भीतर नसों में तीव्र सूजन हो जाने के कारण रोगी को असहनीय दर्द होने लगता है।

2. बवासीर (पाइल्स) होने का कारण | Piles hone ka Karan

. निरंतर बैठकर कार्य करने वाले लोगों में यह रोग अधिक होता है ।

. लंबे समय से कब्ज का होना।

. गर्भावस्था में या रोग महिलाओं में भी देखने को मिलता है।

. लंबे समय तक पेट साफ करने वाली औषधियों के सेवन के कारण।

. शारीरिक संरचना के कारण।

. अन्य किसी रोग के कारण मल त्याग करते समय अत्यधिक जोर लगाना।

. बवासीर संबंधित सिरों के भीतर ओवेरियन या किसी ट्यूमर का दबाव।

. शराब, अंडा, प्याज, लहसुन, मिर्च गरम मसालों से युक्त सब्जियों आदि का सेवन करने के कारण। 

. अत्यधिक मैथुन करना, मूत्र संबंधी रोग व विकार, मूत्राशय में पत्थरी की शिकायत एवं अत्यधिक चाय काफी आज का सेवन करना भी किस रोग की उत्पत्ति का कारण बनता है।

3. बवासीर के लक्षण | Piles ke lakshan

मलद्वार में खुजली होना। खुजलाहट कि सुरसुरा हर्ट होना।

. कभी-कभी रोगी को मस्से में जलन व दर्द होना। गुदाद्वार के मस्सों में सूजन पर जलन होना।

. रोगी को चलने फिरने में कष्ट होता है।

. यहां तक कि रोगी को मल त्याग करते समय बहुत कष्ट होता है।

. लेकिन यह कष्ट 1 सप्ताह के अंदर कम हो जाता है। किंतु कुछ समय पश्चात पश्चात रोगी को फिर वही दशा हो जाती है।

. इस प्रकार के बवासीर में मस्सों से रक्त गिरता है। 

. लौकी के मलद्वार में भारीपन व खुजली होती है।

. योगी को समय-समय पर मस्सों से रक्त स्राव होता रहता है।

. नवीन रोग में रोगी को तेज दर्द वामन त्याग के समय जब से गुदगुदा से बाहर निकल जाते हैं आते हैं सब रोगी को असहनीय पीड़ा यह दर्द होती है।

. प्राय: रोगी को मल त्याग करते समय कष्ट होता है।

.  रोगी कुछ दिन आरोग्य अनुभव करता है  रक्तस्राव की शिकायत नहीं रहती है किंतु फिर अचानक किसी दिन खून गिरना प्रारंभ हो जाता है।

. निरंतर अधिक दिनों तक खून गिरने से रहने से रोगी रक्त अल्पता से पीड़ित होकर दुर्बल हो जाता है।

4. अंत में रोग के परिणाम-

शुष्क या बादी बवासीर का बार बार आक्रमण होने लगता होने से रोगी कि गुदा संकुचित हो जाती है और साथ ही कुछ पल घाव बन जाते हैं।

. यह घाव आगे चलकर कैंसर में परिवर्तित हो सकते हैं।

. यह एक अत्याधिक गंभीर अवस्था है खूनी बवासीर में रक्त स्राव होता है अधिक रक्तस्राव होने से रोगे अत्यंत दुर्बल और कमजोर हो जाता है।

5. बवासीर नाशक कुछ सरल घरेलू आयुर्वेदिक प्रयोग

बवासीर को आप बताए गए घरेलू नुस्खे से भी ठीक कर सकते हैं

(1). केला से बवासीर का इलाज।

हुए केले को लेकर उसका छिलका उतार ले उसके 5 से 7 भाग में करके उनके ऊपर सफेद फ़िटकरी 6 ग्राम और 6 ग्राम गेरू पीसकर केले पर छिड़क कर को समय रख दें तथा सुबह के समय रोगी को खिला दे। इसका 3 सप्ताह तक निरंतर प्रयोग करने से बवासीर रोग नष्ट हो जाता है।

(2). करेला और मिश्री से बवासीर का घरेलू इलाज।

करेला के ताजे पत्तों का रस 20ml लेकर उसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 1 सप्ताह तक प्रतिदिन सेवन करने से रक्त विकार बवासीर में लाभ होता है।

(3). पिप्ली का चूर्ण और जीरा से बवासीर का इलाज।

4 रत्ती पिप्ली का चूर्ण 1 ग्राम भुना हुआ जीरा और थोड़ा सा सेंधा नमक मट्ठे में मिलाकर भोजन करने के बाद सेवन करें बवासीर रोग नष्ट हो जाता है।

(4). नीम से पुरानी बवासीर का इलाज।

छिलका सहित सूखी नीम की निंबोली कूट पीस कर शुष्क चूर्ण बनाकर रख ले इसको प्रतिदिन 10 ग्राम की मात्रा में बासी पानी से सेवन करने से खूनी व बादी बवासीर में लाभ होता है।

(5). अंबरबेल और काली मिर्च से बवासीर का उपचार।

50ml अंबरबेल के रस में 5 नग कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर अच्छे प्रकार से मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय प्रतिदिन सेवन करने से खूनी बादी बवासीर में लाभ हो जाता है।

(6). सूखे अंजीर से बवासीर का घरेलू उपचार करें।

सूखे अंजीर 2 से 4 लेकर शाम को पानी में भिगोकर सुबह के समय सेवन करें, सुबह भिगोकर शाम को सेवन करें, इसका निरंतर 10 दिनों तक सेवन करने से बवासीर में लाभ।

(7). फिटकरी से बवासीर के मस्से हटाने की दवा।

लाल फिटकरी को पानी में घिसकर गुदा में लेप करने से मस्से नष्ट हो जाते हैं।

(8). तिल से बवासीर का घरेलू उपचार।

25 ग्राम अच्छे प्रकार से चबाकर खाकर तथा ऊपर से पानी पी ले, यह प्रयोग बवासीर में हितकर है।

(9). छोटे मक्खी के शहद और गाय के घी से बवासीर का अचूक इलाज।

छोटी मक्खी का शहद और गाय का घी समान मात्रा में मिलाकर मस्से पर 2 से 3 सप्ताह तक लगाने से मस्से सूख जाते हैं।

(10). बवासीर के मस्से सूखने की दवा।

गांजा को गाय के घी में अच्छे प्रकार से मिलाकर यह लेप मस्सों पर लगाने से बवासीर के मस्से शीघ्र ही शांत हो जाते हैं।

(11.) खुनी बवासीर का रामबाण इलाज।

सुबह के समय एलोवेरा का पत्ता कांटे। काटने पर उसमें से पीले रंग का रस टपकता है, वहीं मुख्य औषधि है, इसको कांच के पात्र में रखकर उसी में पत्ते को 15 से 20 ग्राम गुदा भी काट कर उसी रस के साथ घोटकर बहुत बारीख हल्दी का चूर्ण 1 ग्राम तथा 10 से 12 ग्राम मिश्री मिलाकर 1 से 2 सप्ताह निरंतर सेवन करने से खूनी बवासीर में पूर्ण रूप से लाभ मिलता है।

(12). पेशाब से बवासीर का इलाज

अपने मूत्र द्वारा गुदाद्वार धोने से बवासीर रोग में खून का आना बंद हो जाता है।

(13) .बवासीर के मस्से सूखने के उपाय।

 अडूसा के पत्ते पीसकर नमक मिलाकर गुदा पर बांधने से बवासीर तथा भगंदर में लाभ होता है।

(14). फिटकरी से बवासीर का इलाज।

10 ग्राम फिटकरी बारीक पीसकर गाय के मक्खन 20 ग्राम में मिलाकर गुदा में लगाने से बवासीर के मस्से सूखकर गिर जाते हैं।

(15). मूली और जलेबी से बवासीर का घरेलू उपाय।

120ml मूली के रस में 100 ग्राम जलेबी भिगोकर एक घंटा तक रख दें उसके बाद जलेबी खा कर ऊपर से रस पी ले । यह प्रयोग 1 सप्ताह तक निरंतर करने से बवासीर में रोग नष्ट हो जाता है।

(16) खुनी बवासीर का रामबाण इलाज।

1 ग्राम फिटकरी, 100 ग्राम दही और 200 ग्राम पानी मिलाकर सेवन करने से बवासीर ही नहीं बल्कि समस्त शरीर के अंगों से बहता हुआ खून बंद हो जाता है।

(17). अदरक से बवासीर का इलाज।

अदरक का काढा सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।

(18). हरड़ का मुरब्बा से बवासीर का देसी इलाज।

हरड़ का मुरब्बा अथवा पके अंजीर इनमें से कोई भी एक चीज यदि प्रतिदिन सेवन रोगी प्रतिदिन सेवन करता रहे तो उसको बहुत लाभ होता है इससे मल ढीला हो जाता है। और बवासीर रोग में प्रतिदिन दस्त साफ होना आवश्यक है।

(19). काले तिल से बवासीर का घर पर इलाज करें।

काले तिल धोकर छिलके उतारकर सुरक्षित रख ले, यह तिल 10 ग्राम की मात्रा में लेकर इसमें मक्खन और  मिश्री मिलाकर सेवन करने से खूनी बवासीर का कष्ट मिट जाता है।

(20). बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने के उपाय।

नीम और कनेर के ताजे पत्तों का लेप मस्सों पर लगाने से बवासीर के मस्से नष्ट हो जाते हैं।

(21). बवासीर की गारंटी की दवा।

अतिबला के पेड़ की ताजी जड़ को खोदकर उस जड़ का छिलका उतारकर दो से 3 ग्राम की मात्रा में लेकर उस में ढाई काली मिर्च मिलाकर पीस लें तथा इस औषधि का सुबह खाली पेट सेवन करें इस औषधि को 2 महीने सेवन करने से किसी भी प्रकार का बवासीर नष्ट हो जाता है।

(22). बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय।

तंबाकू के पत्ते महीन पीसकर गुदा पर लेप लगाने से बवासीर नष्ट हो जाता है। 

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