कब्ज तो आजकल की कॉमन समस्या हो गई है लंबे समय से कब्ज होने के कारण रोगी को बहुत सारे रोग हो होने का कारण बनती है आज हम उसी के बारे में नीचे बताएंगे साथ ही कब्ज के घरेलू उपचार भी बताएंगे जिनको करके आप घर पर ही कब्ज का इलाज कर सकेंगे।
1. कब्ज क्या है? | what is constipation
कब्ज रोग से पीड़ित होने से 2 से 3 दिनों मल त्याग हेतु नहीं जाते हैं मन विसर्जन के लिए जाने पर मल कम मात्रा में सख्त और सूख जाता है।
कहने का अर्थ यह है की रोगी का पेट साफ नहीं होता है, यह एक बहुत ही आम सारे खराबी है जिससे रोगी को मानसिक चिंता सताने लगती है, तथा उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो जाता है, प्रायः सामान्य एक मनुष्य 1 दिन में 1 या 2 बार मल त्याग हेतु जाता है।
लेकिन कई व्यक्ति 1 दिन में लगभग 3 से 4 बार तक मल त्याग हेत जाते हैं, और बहुत से लोग तो कई-कई दिन तक मल त्याग करने को ही नहीं जाते हैं, ऐसे व्यक्तियों को कब्ज का रोग पुणे का कारण बनता है, और कई घंटे तक मल त्याग के लिए बैठना पड़ता है
परंतु उसे बहुत कम मात्रा में मल निकलता है, इससे रोगी और भी अधिक परेशान हो जाता है, तथा उसको आलस्य, सुस्ती, सिरदर्द, कब्ज के कारण पेट में दर्द, किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता है, मानसिक दबाव तथा चिड़चिड़ा स्वभाव आदि लक्षण बनने लगते हैं।
2. कब्ज होने के कारण | due to constipation
यह रोग आंतों में उत्पन्न होता है तथा लीवर की कार्य क्षमता कम होना भी इसके मुख्य कारण है।
तली भुनी चीजों का अत्यधिक सेवन करने से जैसे बर्गर, समोसा, ऐसी चीजें खाने से जिनमें तेल की मात्रा अधिक हो कब्ज का कारण बनती है।
शरीर में पानी की मात्रा कम होने से,
पानी कम मात्रा में पीना,
तेज चटपटे, मिर्च मसाले युक्त भोजन तथा खट्टे मीठे, तले पदार्थों का अधिक सेवन करने से।
पाचन शक्ति से अधिक मात्रा में भोजन करना।
ज्यादा लंबे समय तक चलने से
धूप में अधिक समय तक काम करने से
मैदे से निर्मित पदार्थों का अधिक सेवन करने से।
3. कब्ज के लक्षण | kabj ke lakshan
- रोगी को भूख कम लगना।
- शरीर कमजोर हो जाना व आलस्य आने लगना।
- सिर भारी भारी से रहना।
- जी मिचलाना।
- खट्टी मीठी डकारों का आना।
- रोगी को चक्कर आने जैसा महसूस होना।
- गुदाद्वार से गैस का निकलना।
- जीत फटी-फटी रहना सफेद होना।
- किसी भी कार्य करने में मन नहीं लगना।
- पेट में भारीपन रहना तथा मीठा मीठा दर्द होना।
- साफ साफ ना होना मल• जाना तथा कम मात्रा में निकलना।
- रोगी के शरीर में भारीपन रहना।
- कभी-कभी मुख से दुर्गंध की अनुभूति हो ना।
- रक्त दूषित हो जाने के कारण ब्लड प्रेशर घटना बढ़ना।
- ज्यादा समय से कब्ज की समस्या से के कारण से बवासीर व सायटिका जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती हैं।
- रोगी को खाना खाने में कोई स्वाद न मिलना।
- किसी किसी रोगी को चाय या सिगरेट का सेवन किए बिना मल त्याग ना होना।
- मलद्वार का नीचे खिसक जाना।
- ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी आंत में सूजन हो जाना।
- बवासीर की समस्या बन जाना।
4. कब्ज में क्या खाएं | kabj me kya khaye
- प्रातः समय उठकर प्रतिदिन ताजा पानी पीना चाहिए साथ ही मॉर्निंग वॉक करने नहीं जाना चाहिए तथा सुबह स्नान करना अच्छा होता है।
- हरी सब्जी बथुआ पालक लौकी
- आम अंगूर किशमिश मुनक्का खजूर संतरा नाशपाती एवं कागजी नींबू के रस का उपयोग करना चाहिए।
- हल्का भोजन करना चाहिए जो शीघ्र ही पच जाए तथा पौष्टिक आहार ही लेना चाहिए ।
- 8 से 10 गिलास जल का सेवन करें।
- तथा प्रतिदिन दो बार नियमित रूप से शौच करने जाना चाहिए।
5. कब्ज में क्या ना खाएं। Kabj mein kya na khayen
बासी भोजन और अधिक तैलीय आहार का सेवन ना करें।
तली भुनी चीजों का सेवन कम करना चाहिए।
हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए।
6. कब्ज के लिए योगा | kabj ke liye yoga
कब्ज को आप इन योगासन से भी ठीक कर सकते हैं
- भुजंगासन।
- वक्रासन।
- सूर्यनमस्कार।
- पश्चिमोत्तासन।
- उदराकर्षणासन।
7. कब्ज के घरेलू उपचार| kabj ke gharelu upay
कब्ज को आप घरेलू उपचार करके भी ठीक कर सकते हैं।
(1). इसबगोल और दूध से कब्ज में आराम।
दो चम्मच की मात्रा में इसबगोल लेकर एक कप दूध में डालकर प्रतिदिन रात के समय सोने से पहले सेवन करने से सुबह दस्त साफ होते हैं तथा कब्ज में भी राहत मिलती है।
(2). त्रिफला चूर्ण और शहद से कब्ज से राहत ।
6 ग्राम त्रिफला चूर्ण लेकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करके ऊपर से गुनगुना दूध पी ले, कब्ज दूर हो जाता है।
(3). मुनक्का से कब्जे में लाभ।
15 से 20 मुनक्का लेकर 250 ML. दूध में मिलाकर इस दूध को उबाल लें, उबालकर मुनक्का निकाल कर खा ले, तथा यही दूध ऊपर से पीने से कब्ज में राहत मिलती है।
(4). विधारा चूर्ण से कब्ज में राहत।
विधारा चूर्ण को प्रतिदिन 5-5 ग्राम की मात्रा में 2 से 3 माह तक निरंतर सेवन करने से कब्ज मिट जाता है।
(5). पेट साफ करने का रामबाण इलाज।
अखरोट के छिलके उबालकर पीने से पेट साफ हो जाता है।
(6). बदाम रोगन से कब्ज में राहत मिलता है।
बदाम रोगन को आधा तोला की मात्रा में दिन में दो बार सुबह शाम निरंतर कुछ दिनों तक सेवन करने से आंतों का मल बंद दूर हो जाता है।
(7). कब्ज का तुरंत इलाज | kabj ka turant ilaj
- नीम के सूखे फल रात में गर्म पानी के साथ सेवन करने से सुबह के समय दस्त साफ होता है तथा कब्ज में राहत मिलती है।
(8). कैस्टर आयल और दूध से कब्ज का उपचार करें।
- कैस्टर ऑयल 30 ग्राम की मात्रा में गुनगुने दूध में मिश्री डालकर सेवन करने से कब्ज मिटती है।
(9). मदार के पत्ते से कब्ज के घरेलू उपचार करें।
- आक (मदार) के पत्ते पेट पर बांधने से मलबंध मिटता है।
(10). टमाटर के रस से कब्ज के घरेलू उपचार करें।
- टमाटर को पीसकर उसका रस निकाल 100 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से कब्ज में राहत।
(11). संतरे के रस का उपयोग करने से कब्ज में आराम।
- सुबह नाश्ते करने से पहले एक संतरे का रस निकालकर पीने से कब्ज में लाभ।
(12). कब्ज के घरेलू उपचार करें।
- प्रतिदिन करने वाले भोजन अन्न की मात्रा कम करके तथा उबली हुई सब्जियों का सेवन करना कब्ज में राहत मिलती है।
- कब्ज के घरेलू उपचार नुस्खे।
- सप्ताह में एक बार 4 से 5 नग कागजी नींबू, सहज का शरबत टीपीए और रात में आधा पेट खाना खाए कब्ज में राहत के लिए बढ़िया होता है।
8. कब के लिए आयुर्वेदिक दवाएं | kabj ki ayurvedic medicine
सिरप- लिवोमिन सिरप, लिवरोल सिरप, अभयारिष्ट।
चूर्ण- पंचसकार चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, विधारा का चूर्ण, हिंग्वाष्टक चूर्ण, ईसबगोल भूसी, लवण भास्कर चूर्ण, अग्निमुख चूर्ण।
टेबलेट- अनुलोम टेबलेट, आयुलेक्स टेबलेट, अभयासन टेबलेट, जुलाबिन टेबलेट, एजीगो टेबलेट।
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