बवासीर यह बीमारी अब तो बहुत अधिक मात्रा में इसके पेशेंट मिल रहे हैं इसका यह कारण है कि बिगड़ते हुए खानपान, जिसके कारण पेट में कब्ज बनने की समस्या होने लगती है जो आगे चलकर धीरे-धीरे बवासीर में बदल जाती है तो आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे बवासीर में किशमिश के फायदे बताएंगे किसमिस का किस प्रकार से बवासीर में उपयोग करना चाहिए और इसका उपयोग करने से बवासीर कुछ ही दिनों में ठीक होने लगता है और किसमिस का प्रतिदिन उपयोग करने से पाचन क्रिया भी मजबूत हो जाती है तथा रक्त विकारों में भी बहुत ही सहायक होता है।
शायद आप पर जितना हो कि बवासीर में किशमिश के फायदे से तो आज हम किशमिश के बारे में आपसे परिचित कराएंगे किशमिश एक बहुत ही अच्छी औषधि का कार्य करती है बस इसका ठीक प्रकार से उपयोग करना आपको पता चल जाए। प्रतिदिन में किसमिस का प्रयोग करके ही आप बवासीर को जड़ से मिटा सकते हैं। तो बने रहे हमारे आर्टिकल में और जाने किशमिश की संपूर्ण जानकारी तथा बवासीर में या किस प्रकार से कार्य करता है।
नीचे आप किसमिस के फायदे पढ़ कर हैरान हो जाएंगे किशमिश के फायदे इतने अधिक है कि आप भी प्रतिदिन किशमिश का सेवन करना शुरू कर देंगे प्रकृति की दी हुई किशमिश बहुत ही अच्छी औषधि का कार्य करते हैं। किशमिश का सही प्रकार से उपयोग करना कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए और कौन सा समय किशमिश खाने का उचित होता है, बवासीर में किशमिश के फायदे, तो यह सभी बातें जानने के लिए बने रहे हमारे पोस्ट में और जानकारी अच्छी लगे तो दोस्तों में शेयर करें और कमेंट करके अवश्य बताएं।
किशमिश में पाए जाने वाले पोषक तत्व
किसमिस में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं तो आइए जानते हैं कि किशमिश में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं
आयरन, जिंक, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन-A, विटामिन-B12, विटामिन-C, विटामिन-K, विटामिन-बी कॉन्प्लेक्स, पोटेशियम, क्लोराइड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, इत्यादि किशमिश में विटामिन व पोषक तत्व पाए जाते हैं।
बवासीर में किशमिश के फायदे
-किशमिश को रात्रि में पानी में भिगोकर प्रातः काल उसी पानी में किशमिश को मसल कर सेवन करने से पेट की कब्ज दूर हो जाती है।
नियमित रूप से भीगे हुए किशमिश का सेवन करने से मल साफ रहता है।
प्रतिदिन किसमिस का सेवन करने से किशमिश में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे जिंक, कैल्शियम, फाइबर, बवासीर के रोग को बढ़ने से रोकते हैं।
किशमिश का उपयोग करके आप बिगड़े हुए पाचन क्रिया को ठीक कर सकते हैं जो कि बवासीर को बढ़ाने में बहुत ही मदद करता है जिसके कारण बवासीर और भी बढ़ जाता है इसलिए पाचन क्रिया को दुरुस्त रखें।
बवासीर के रोगियों को काम करने में बहुत जल्दी थकावट आती है तो इस समस्या में प्रतिदिन किशमिश का सेवन करें किसमिस का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी और थकान दूर हो जाती है।
बवासीर हो जाने पर शरीर में खून की कमी हो जाती है तो खून की कमी दूर करने के लिए किशमिश बहुत ही अच्छी औषधि है या खून को बढ़ाता भी है और साथ ही खून को साफ भी करता है जो कि बवासीर में बहुत ही लाभकारी है।
बवासीर से पीड़ित रोगी कुछ लोग शरीर से बहुत ही कमजोर और पतले हो जाते हैं तो इस अवस्था में भी आप किसमिस का प्रयोग करें इसका प्रयोग करके आप अपने शरीर को स्वस्थ और रोगों को अपने शरीर से दूर रख सकते हैं।
बवासीर में परहेज
अब तक आपने जाना कि बवासीर में किशमिश के फायदे किस प्रकार से होते हैं आप जानते हैं कि बवासीर के रोगियों को किस प्रकार का भोजन नहीं करना चाहिए और किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए तो आइए जानते हैं।
बवासीर के रोगी बाहर का ज्यादा फास्ट फूड का सेवन ना करें।
प्रतिदिन तला भुना न सेवन करें ऐसा करने से बवासीर और भी ज्यादा बढ़ेगा क्योंकि यह सब सेवन करने से कब्ज की शिकायत बनेगी जो कि बवासीर के लिए बहुत ही घातक होता है।
एक ही जगह पर देर तक बढ़कर कार्य नहीं करना चाहिए।
बवासीर के रोगियों को सप्ताह में 1 दिन उपवास रहना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से पाचन क्रिया को आराम मिलता है।
बवासीर के रोगी एक बार में अधिक भोजन का सेवन ना करें थोड़े-थोड़े भोजन का सेवन कई बार करें पाचन क्रिया के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
प्रतिदिन सुबह उठकर मल त्याग करके योग और व्यायाम करना चाहिए यह बवासीर के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
भोजन करने के बाद तुरंत लेटना नहीं चाहिए बल्कि थोड़ी देर टहलना चाहिए।
प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक से दो गिलास पानी का सेवन करना चाहिए खाली पेट पानी सेवन करने से पेट की बहुत सारी समस्याओं में लाभ मिलता है।
अधिक देर तक धूप में कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि धूप में कार्य करने से पानी की कमी हो जाती है जिससे मल त्याग करने में कष्ट होता है और कब्ज की समस्या भी बन जाती है।
बवासीर में डाइट
अभी तक आपने जाना बवासीर में किशमिश के फायदे आप जानते हैं कि बवासीर के रोगियों की डाइट कैसी होनी चाहिए।
बवासीर के रोगी प्रतिदिन नाश्ते में फलों का अधिक मात्रा में सेवन करें।
हल्के व जल्दी से पचने वाले भोजन का सेवन करें।
वैसे भी अधिक बढ़ जाने पर मूंग की दाल का सेवन करें मूंग की दाल का सेवन बवासीर में बहुत ही लाभकारी होता है।
बवासीर के रोगियों को रात्रि में हल्के भोजन का सेवन करना चाहिए और थोड़ी सी भूख रखकर ही खाएं।
बवासीर के रोगियों को प्रतिदिन सुबह नाश्ते में पपीते का सेवन करना चाहिए पपीते का सेवन बवासीर में बहुत लाभकारी होता है या पाचन क्रिया को बहुत ही अच्छा करता है जो कि बवासीर में बहुत ही लाभकारी है।
बवासीर में ऐसे भोजन का सेवन करें जो पाचन क्रिया ठीक करने में मदद करें।
बवासीर के लक्षण
-गुदाद्वार में खुजली होना।
-गुदाद्वार में खुजलाहट कि सुरसुरा हर्ट होना।
-कभी-कभी रोगी को गुदाद्वार के मस्से में जलन व दर्द होना।
-कभी-कभी तो मल त्याग करने में इतना ज्यादा दर्द होता है कि आप बिना मल त्याग करें ही वापस आ जाते हैं।
-इस प्रकार के बवासीर में मस्सों से रक्त गिरता है।
-रोगी के मलद्वार में भारीपन व खुजली होती है।
-रोगी को समय-समय पर मस्सों से रक्त स्राव होता रहता है।
-नवीन रोग में रोगी को तेज दर्द वामन त्याग के समय जब से गुदगुदा से बाहर निकल जाते हैं आते हैं सब रोगी को असहनीय पीड़ा यह दर्द होती है।
-प्राय: रोगी को मल त्याग करते समय कष्ट होता है।
-रोगी कुछ दिन आरोग्य अनुभव करता है रक्त निकलने की शिकायत नहीं रहती है, किंतु फिर अचानक किसी दिन खून गिरना प्रारंभ हो जाता है।
-निरंतर अधिक दिनों तक खून गिरने से रहने से रोगी रक्त की कमी से पीड़ित होकर दुर्बल हो जाता है।
-शुरुआत में तो 1 से 2 दिन तक रक्त निकलता फिर अपने आप ही बंद हो जाता है। आपको ऐसा लगेगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं लेकिन या कुछ दिनों के बाद पुनः फिर से गुदाद्वार से रक्त निकलेगा यह क्रिया लगभग सालों तक चलती रहेगी और फिर या जब पुराना हो जाएगा फिर आपको निरंतर ऐसी दिक्कतें आती रहेंगे इसलिए इसका समय पर इलाज कराना बहुत ही आवश्यक होता है।
-मल त्याग करते समय में जैसे कोई सुखी मिर्ची गुदाद्वार में लगा दिया है ऐसा अनुभव होता है और आंखों से आंसू निकल आते हैं।
-गुदाद्वार के मस्सों में सूजन पर दर्द वा जलन होना।
-रोगी को चलने फिरने में दर्द होता है।
-यहां तक कि रोगी को मल त्याग करते समय बहुत दर्द होता है।
-लेकिन यह कष्ट 1 सप्ताह के अंदर कम हो जाता है। किंतु कुछ समय पश्चात पश्चात रोगी को फिर वही दशा हो जाती है।
उम्मीद है दोस्तों बवासीर में किशमिश के फायदे जानकर आपको खुशी हुई होगी अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कमेंट करके और से बताएं इस जानकारी को अपने दोस्तों में शेयर करें ताकि वह भी इसका लाभ उठा सकें।
धन्यवाद 🙏
किशमिश से बवासीर का इलाज कैसे करें
किशमिश में फाइबर जिंक पोटेशियम प्रचुर मात्रा में होती है जो बवासीर में बहुत ही लाभकारी होती है प्रतिदिन रात्रि में किशमिश को 100 ग्राम की मात्रा में लेकर पानी में भिगोकर तथा सुबह मसलकर पानी और किशमिश दोनों का सेवन करने से बवासीर धीरे-धीरे ठीक होने लगता है।
सुबह खाली पेट किशमिश खाने से क्या फायदा
सुबह खाली पेट किशमिश खाने से पेट में कब्ज नहीं बनता है पाचन शक्ति बढ़ती है तथा खून की कमी दूर हो जाती है और रक्त विकार में बहुत ही लाभदायक होता है। नियमित रूप से सुबह खाली पेट किशमिश का सेवन करने से तमाम प्रकार की बीमारियों से बचे रहेंगे तथा इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी।