बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय, कारण, लक्षण और घरेलू नुस्खे को आपना कर घर बैठे ही अपने बवासीर के मस्सों का इलाज करें | bavasir ka ilaaj in hindi

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपना ध्यान सही से नहीं रख पाते हैं जिसके कारण पाचन क्रिया खराब हो जाती है और फिर छोटी आत में विकार पैदा हो जाते हैं जिसके चलते वह धीरे-धीरे खराब होने लगती है और आगे चलकर उसमें छोटे-छोटे मस्से निकल आते हैं जो बाद में बहुत दिक्कत करते हैं आज हम बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय लेकर आए हैं जिनसे आप घर बैठे ही बवासीर के मस्से जड़ से खत्म कर सकेंगे तो आइए जानते हैं कि किस प्रकार से हम इस दवाई को घर पर ही बना कर तैयार कर सकते हैं और कौन-कौन सी जड़ी बूटियों का उपयोग करना है तो संपूर्ण जानकारी के लिए बने रहे हमारे पोस्ट में और जाने की किस प्रकार से इसका इलाज संभव है।

बवासीर क्या है? | What is Piles?

-बवासीर में रोगी को मलद्वार के बाहर या भीतर मस्से उत्पन्न होने के कारण अर्श अथवा पाइल्स कहा जाता है।

-वास्तविकता तो यह है कि पाइल्स रक्त धमनियां होती हैं, जिनका गुदाद्वार से संबंध होता है।

-अस्तु बवासीर या अर्थ रोगी के मलद्वार के भीतर अथवा बाहर छोटे-छोटे मस्से के प्रकार के दाने उत्पन्न हो जाते हैं।

-इन मस्सों के अंदर छोटी छोटी रक्त धमनियां रहती हैं।

 रोगी को इन धमनियों में कुछ दिन तक रक्त जमता रहता है, जिसके कारण वह धमनिया फूल जाती है और मस्से के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं।

-बवासीर में रोगी को इन मस्सों से खून गिरने लगता है।

-इनमें से एक बार में लगभग चार्ज 4 से 5 औंस तक गिरता है।

-रोगी के मस्से दबाव पड़ने पर नीचे लटकने लगते हैं।

-कभी-कभी यह एकदम से उत्पन्न हो जाते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा जब आप सुबह मल त्याग करने जाएंगे तभी आपको पता चलेगा कि मुझसे कितने बड़े हो गए हैं।

-यह दिखने में यह मस्से एक दूसरे से जुड़कर अंगूर के गुच्छों के रूप में उभर आते हैं।

-इनमें रोगी को तीव्र दर्द और जलन होती है जिसमें रोगी को मल त्याग करना उठना बैठना चलना फिरना यहां तक लेटना भी दुश्वार हो जाता है।

-रोगी के मलद्वार के अंदर और भीतर नसों में तीव्र सूजन हो जाने के कारण रोगी को असहनीय दर्द होने लगता है।

बवासीर के कारण | Piles hone ka Karan in hindi 

-निरंतर बैठकर कार्य करने वाले लोगों में यह रोग अधिक होता है ।

-लंबे समय से कब्ज का होना।

-गर्भावस्था में या रोग महिलाओं में भी देखने को मिलता है।

-गर्भवती महिलाएं जब प्रसव हो जाता है उसके बाद बावसीर की दिक्कत बन जाती है।

-लंबे समय तक पेट साफ करने वाली औषधियों के सेवन के कारण।

-शारीरिक संरचना के कारण।

-अन्य किसी रोग के कारण मल त्याग करते समय अत्यधिक जोर लगाना।

-बवासीर संबंधित सिरों के भीतर ओवेरियन या किसी ट्यूमर का दबाव।

-शराब, अंडा, प्याज, लहसुन, मिर्च गरम मसालों से युक्त सब्जियों आदि का सेवन करने के कारण। 

-अत्यधिक मैथुन करना, मूत्र संबंधी रोग व विकार, मूत्राशय में पत्थरी की शिकायत एवं अत्यधिक चाय काफी आज का सेवन करना भी किस रोग की उत्पत्ति का कारण बनता है।

-आजकल के बच्चे मोबाइल पर गंदे गंदे इमेज देखकर हस्तमैथुन बहुत ज्यादा करते हैं जिसके कारण यह नए लोगों में भी बवासीर की समस्या बहुत अधिक देखने को मिलती है।

-धूप में बहुत अधिक काम करने के कारण से या फिर आप बहुत ज्यादा धूप में रहते हैं जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज बनने लगती है।

बवासीर के लक्षण | Piles ke lakshan in hindi 

-मलद्वार में खुजली होना। 

-खुजलाहट कि सुरसुरा हर्ट होना।

-कभी-कभी रोगी को मस्से में जलन व दर्द होना।

-कभी-कभी तो मन टाइप करने में इतना ज्यादा दर्द होता है कि आप बिना मल त्याग करें ही वापस आ जाते हैं।

-मल त्याग करते समय में जैसे कोई सुखी मिर्ची गुदाद्वार में लगा दिया है ऐसा अनुभव होता है और आंखों से आंसू भी आ जाते हैं।

-गुदाद्वार के मस्सों में सूजन पर जलन होना।

-रोगी को चलने फिरने में कष्ट होता है।

-यहां तक कि रोगी को मल त्याग करते समय बहुत कष्ट होता है।

-लेकिन यह कष्ट 1 सप्ताह के अंदर कम हो जाता है। किंतु कुछ समय पश्चात पश्चात रोगी को फिर वही दशा हो जाती है।

-इस प्रकार के बवासीर में मस्सों से रक्त गिरता है। 

-रोगी के मलद्वार में भारीपन व खुजली होती है।

-रोगी को समय-समय पर मस्सों से रक्त स्राव होता रहता है।

-नवीन रोग में रोगी को तेज दर्द वामन त्याग के समय जब से गुदगुदा से बाहर निकल जाते हैं आते हैं सब रोगी को असहनीय पीड़ा यह दर्द होती है।

-प्राय: रोगी को मल त्याग करते समय कष्ट होता है।

-रोगी कुछ दिन आरोग्य अनुभव करता है  रक्तस्राव की शिकायत नहीं रहती है किंतु फिर अचानक किसी दिन खून गिरना प्रारंभ हो जाता है।

-निरंतर अधिक दिनों तक खून गिरने से रहने से रोगी रक्त अल्पता से पीड़ित होकर दुर्बल हो जाता है।

-शुरुआत में तो 1 से 2 दिन तक व्रत निकलेगा फिर अपने आप ही बंद हो जाएगा आपको ऐसा लगेगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं लेकिन या कुछ दिनों के बाद पुनः फिर से गुदाद्वार से रक्त निकलेगा यह क्रिया लगभग सालों तक चलती रहेगी और फिर या जब पुराना हो जाएगा फिर आपको निरंतर ऐसी दिक्कतें आती रहेंगे इसलिए इसका समय पर इलाज कराना बहुत ही आवश्यक होता है।

बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय | bavasir ke masse ko jad se khatm karne ka upay in Hindi 

बवासीर को आप बताए गए घरेलू नुस्खे से भी ठीक कर सकते हैं और इन दवाओं को किस प्रकार से आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं तो आइए जानते हैं।

इलायची और शहद से बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय | ilayachi aur shahad se bavasir ke masse ko jad se khatm karne ka upay in Hindi

पांच बड़ी इलायची को लेकर कूटकर ददरा बनाकर तवे पर भून कर चूर्ण बना ले। इस चूर्ण को दही के साथ अच्छे से मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें और 1 घंटे तक कुछ ना खाएं इस प्रयोग से बवासीर के मस्से सूखकर झड़ जाते हैं। इस प्रयोग काल में आपको बाजू वाली चीजें नहीं खानी है जैसे उड़द की दाल, बैंगन की सब्जी, घुइयां, इत्यादि।

केला से बवासीर का इलाज | Kela se bavasir ka ilaaj in Hindi  

हुए केले को लेकर उसका छिलका उतार ले उसके 5 पीस में काट कर उनके ऊपर सफेद फ़िटकरी 5 ग्राम और 5 ग्राम गेरू पीसकर छिड़क कर रात्रि में ओस में रख दें। तथा सुबह के समय रोगी को खिला दे। इसका  2 से 3 सप्ताह तक निरंतर प्रयोग करने से बवासीर रोग नष्ट हो जाता है।

एरंड के तेल से बवासीर के मस्से झड़ने के उपाय | arand ke Teil Se bavasir Ke masse jhadane ka upay in Hindi 

अरंड के तेल में आप थोड़ा सा कपूर मिलाकर इस मिश्रण को आप रुई से अपने मस्सों पर दिन में कम से कम 5 बार लगाएं। इस प्रयोग से आपके मस्से सुख कर झड़ जाएंगे।

करेला और मिश्री से बवासीर का घरेलू इलाज | karela aur mishri se bavasir ka gharelu ilaaj in Hindi 

करेला के ताजे पत्तों का रस 25ml. लेकर उसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 1 से 2 सप्ताह तक प्रतिदिन सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।

फिटकरी से बवासीर के मस्से का इलाज | fitkari Se bavasir Ke masse ka ilaaj ine Hindi 

1.भुनी हुई फिटकरी में आप गाय के घी को मिलाकर अपने मस्से पर दिन में लगभग दो से तीन बार लगाएं ऐसा करने से आपके मस्से सूखकर झड़ जाएंगे।

2.फिटकरी का चूर्ण लेकर इसमें खीरे का चूर्ण और हल्दी का चूर्ण मिलाकर अपने बवासीर के मस्सों पर लगाएं इस प्रयोग से आपके बवासीर के मस्से सूखकर झड़ जाएंगे।

3.लाल फिटकरी को पानी में घिसकर गुदा में लेप करने से मस्से नष्ट हो जाते हैं।

4.10 ग्राम फिटकरी बारीक पीसकर गाय के मक्खन 20 ग्राम में मिलाकर गुदा में लगाने से बवासीर के मस्से सूखकर गिर जाते हैं।

5.1 ग्राम फिटकरी, 100 ग्राम दही और 200 ग्राम पानी मिलाकर सेवन करने से बवासीर ही नहीं बल्कि समस्त शरीर के अंगों से बहता हुआ खून बंद हो जाता है।

प्याज से बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय | pyaj Se bavasir Ke masse ko jad se khatm karne ka upay in Hindi

आप एक प्याज को लेकर हल्की आंच में भूनकर इसका पेस्ट बनाकर इस पेस्ट को मस्से पर बांधने से आपके मस्से सूखकर कुछ ही दिनों में झड़ जाएंगे।

आंवला से बवासीर के मस्से हटाने की दवा | aanwala Se bavasir Ke masse hatane ki dawai in Hindi

सूखे हुए आंवला का चूर्ण 10 ग्राम की मात्रा में लेकर रात्रि में एक बर्तन में इस चूर्ण को भिगोकर तथा सुबह इस चूर्ण को मसल कर सेवन करने से बवासीर के मस्से सूखने लगते हैं और कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाते हैं।

एलोवेरा और हल्दी से बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय | aloe vera aur haldi se bavasir Ke masse sukhane ke upay in Hindi 

1.एलोवेरा की ताजी पत्ती का रस दो चम्मच की मात्रा में निकालकर उसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर इस मिश्रण को आप अपने बवासीर के मस्सों पर रात्रि में लगाएं और ऐसे ही छोड़ दें इस प्रयोग के मात्र 1 से 2 हफ्ते में ही आप के मस्से सूखकर झड़ जाएंगे।

2.सुबह के समय एलोवेरा का पत्ता कांटे। काटने पर उसमें से पीले रंग का रस टपकता है, वहीं मुख्य औषधि है, इसको कांच के पात्र में रखकर उसी में पत्ते को 15 से 20 ग्राम गुदा भी काट कर उसी रस के साथ घोटकर बहुत बारीख हल्दी का चूर्ण 1 ग्राम तथा 10 से 12 ग्राम मिश्री मिलाकर 1 से 2 सप्ताह निरंतर सेवन करने से खूनी बवासीर में पूर्ण रूप से लाभ मिलता है।

तिल से बवासीर का घरेलू इलाज | til se bavasir Ka gharelu ilaaj in Hindi 

1.तिल 25 ग्राम अच्छे प्रकार से चबाकर खाकर तथा ऊपर से पानी पी ले, यह प्रयोग बवासीर में हितकर है।

2.काले तिल धोकर छिलके उतारकर सुरक्षित रख ले, यह तिल 10 ग्राम की मात्रा में लेकर इसमें मक्खन और  मिश्री मिलाकर सेवन करने से खूनी बवासीर का कष्ट मिट जाता है।

किसमिस से बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय | kismis Se bavasir Ke masse ko jad se khatm karne ka upay ine Hindi 

10 ग्राम किशमिश को लेकर रात्रि में सो एम एल पानी में भिगोकर रख दें तथा सुबह इन किशमिश को उस पानी में मसल कर 1 से 2 हफ्ते सेवन करने से बवासीर और बवासीर के मस्से में बहुत ही लाभ मिलता है।

मूली से बवासीर का इलाज | Muli se bavasir ka ilaaj in Hindi 

1.आपको जब भी बवासीर की समस्या हो तो आप मूली का सेवन अवश्य करें क्योंकि मूली का सेवन करने से कब्ज में बहुत ही लाभ मिलता है और मल अच्छे प्रकार से साफ होता है। क्योंकि बवासीर के रोगियों को अपने पेट को हमेशा अच्छा रखना चाहिए।

2.120ml मूली के रस में 100 ग्राम जलेबी भिगोकर एक घंटा तक रख दें उसके बाद जलेबी खा कर ऊपर से रस पी ले । यह प्रयोग 1 सप्ताह तक निरंतर करने से बवासीर में रोग नष्ट हो जाता है।

गेंदा और काली मिर्च से बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय | Genda aur kali mirch Se bavasir Ke masse ko jad se khatm karne ka upay in Hindi 

5 ग्राम गेंदे के पत्ते और 2 ग्राम काली मिर्च को आपस में मिलाकर पीसकर दिन में दो बार सेवन करने से सभी प्रकार के बवासीर में लाभ मिलता है।

ईसबगोल भूसी से बवासीर के मस्से सूखने की दवा | isabgol bhusi Se bavasir Ke masse sukhane ki dava in Hindi 

इसबगोल भूसी का आप प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें इसका सेवन करने से बवासीर में बहुत ही लाभ मिलता है क्योंकि इसबगोल भूसी से पेट में कब्ज नहीं बनती है और बवासीर की मर्ज कब्ज से ही शुरू होती है। कब्ज नहीं तो बवासीर नहीं।

छाछ से बवासीर के मस्से के दर्द का इलाज | chhachh Se bavasir Ke masse ke dard ka ilaaj in hindi 

50 से 100 ml. की मात्रा में जांच में एक चम्मच अजवाइन का चूर्ण और एक चम्मच सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से सभी प्रकार के बवासीर में लाभ मिलता है तथा बवासीर के मस्से भी सूख कर झड़ जाते हैं।

यदि आप बवासीर से बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं तो फिर आपको छाछ का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए क्योंकि छाछ का प्रथम सेवन करने से बवासीर में बहुत ही लाभकारी होगा।

अडूसा से बवासीर के मस्सों का इलाज | adusa Se bavasir Ke masse ka ilaaj ine Hindi 

अडूसा के पत्ते पीसकर नमक मिलाकर गुदा पर बांधने से बवासीर तथा भगंदर में लाभ होता है।

 मदार और सहजन से बवासीर के मस्सों का इलाज | madar aur sahjan Se bavasir Ke masse ka ilaaj ine Hindi 

मदार के पत्ते और सहजन के पत्तों को आपस में पीसकर लेप बनाकर इस लेप को बवासीर के मस्सों पर कुछ दिनों तक लगाने से मस्से सूखकर झड़ जाते हैं।

नीम से बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय | Neem Se bavasir Ke masse ko jad se khatm karne ka upay in Hindi 

1.नीम की पत्ती और कनेर की पत्ती समान मात्रा में लेकर पीसकर इसका लेप बनाकर मस्सों पर लगाने से मस्से शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं।

2.नीम का तेल बवासीर के मस्सों पर लगाने से बवासीर के मस्से शीघ्र ही सुख पर झड़ जाते हैं।

3.नीम के तेल और हल्दी का पाउडर तथा कड़वी तोरई तीनों को आपस में मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से शीघ्र ही लाभ मिलता है।

4.नीम की पत्तियों को लेकर पीसकर प्रतिदिन सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है।

5.छिलका सहित सूखी नीम की निंबोली कूट पीस कर शुष्क चूर्ण बनाकर रख ले इसको प्रतिदिन 10 ग्राम की मात्रा में बासी पानी से सेवन करने से खूनी व बादी बवासीर में लाभ होता है।

गांजा से बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय | ganja se bavasir Ke masse ko jad se khatm karne ka upay in Hindi 

गांजा को गाय के घी में अच्छे प्रकार से मिलाकर यह लेप मस्सों पर लगाने से बवासीर के मस्से शीघ्र ही शांत हो जाते हैं।

तंबाकू से बवासीर के मस्से सूखने की दवा | tambaku Se bavasir Ke masse shukhane ki dava in Hindi 

तंबाकू के पत्ते महीन पीसकर गुदा पर लेप लगाने से बवासीर के मस्से नष्ट हो जाता है।

 गाय के घी और शहद से बवासीर के मस्से सूखने की दवा | ghi aur shehad Se bavasir Ke masse sukhane ki dava in hindi 

1.गाय का घी और शहद समान मात्रा में लेकर मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से बवासीर के मस्से नष्ट हो जाते हैं।

2.छोटी मक्खी का शहद और गाय का घी समान मात्रा में मिलाकर मस्से पर 2 से 3 सप्ताह तक लगाने से मस्से सूख जाते हैं।

अतिबला से बवासीर के मस्से सूखने की दवा | atibala Se bavasir Ke masse sukhane ki dava in Hindi 

अतिबला के पेड़ की ताजी जड़ को खोदकर उस जड़ का छिलका उतारकर दो से 3 ग्राम की मात्रा में लेकर उस में ढाई काली मिर्च मिलाकर पीस लें तथा इस औषधि का सुबह खाली पेट सेवन करें इस औषधि को 2 महीने सेवन करने से किसी भी प्रकार का बवासीर नष्ट हो जाता है।

हरड़ से बवासीर के मस्सों का इलाज | harad se bavasir ke masse ka ilaaj in hindi 

हरड़ का मुरब्बा प्रतिदिन सेवन करने से बवासीर में बहुत ही लाभ मिलता है क्योंकि इसका सेवन करने से कब्ज नहीं बनती है और बवासीर से कब्ज से ही होती है।

पिप्ली का चूर्ण और जीरा से बवासीर का इलाज | pipli ka churn aur jeera se bavasir ka ilaaj in Hindi 

4 रत्ती पिप्ली का चूर्ण 1 ग्राम भुना हुआ जीरा और थोड़ा सा सेंधा नमक मट्ठे में मिलाकर भोजन करने के बाद सेवन करें बवासीर रोग नष्ट हो जाता है।

अंबरबेल और काली मिर्च से बवासीर का उपचार | Ambar per aur kali mirch se bavasir ka ilaaj in Hindi 

50ml अंबरबेल के रस में 5 नग कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर अच्छे प्रकार से मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय प्रतिदिन सेवन करने से खूनी बादी बवासीर में लाभ हो जाता है।

अंजीर से बवासीर का घरेलू उपचार | anjeer se bavasir ka gharelu upchar in Hindi

1.सूखे अंजीर 2 से 4 लेकर शाम को पानी में भिगोकर सुबह के समय सेवन करें, सुबह भिगोकर शाम को सेवन करें, इसका निरंतर 10 दिनों तक सेवन करने से बवासीर में लाभ।

2.पके अंजीर इनमें से कोई भी एक चीज यदि प्रतिदिन सेवन रोगी प्रतिदिन सेवन करता रहे तो उसको बहुत लाभ होता है इससे मल ढीला हो जाता है। और बवासीर रोग में प्रतिदिन दस्त साफ होना आवश्यक है।

पेशाब से खूनी बवासीर का इलाज | peshab se bavasir ka ilaaj in Hindi 

अपने मूत्र द्वारा गुदाद्वार धोने से बवासीर रोग में खून का आना बंद हो जाता है।

अदरक से बवासीर का घरेलू इलाज | adrak se bavasir ka ilaaj in Hindi 

अदरक का काढा सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।

डॉक्टर के पास कब जाएं 

शुरुआती के जब कुछ लक्षण देखने को मिले तो आपको यह घरेलू नुस्खे आजमा कर देखना चाहिए यदि इन घरेलू नुस्खों से आपको फायदा नहीं हो रहा है तो फिर आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि या धीरे-धीरे करके गंभीर बीमारी भी बन सकती है इसलिए लापरवाही ना करें डॉक्टर को तुरंत दिखाएं और डॉक्टर की सलाह से उपचार करें। क्योंकि जीवन बहुत अमूल्य है इसमें लापरवाही ना करें अच्छे से अपना इलाज कराएं स्वस्थ रहें सुखी रहें।

अंत में रोग के परिणाम

-शुष्क या बादी बवासीर का बार बार आक्रमण होने लगता होने से रोगी कि गुदा संकुचित हो जाती है और साथ ही कुछ पल घाव बन जाते हैं।

-यह घाव आगे चलकर कैंसर में परिवर्तित हो सकते हैं।

-यह एक अत्याधिक गंभीर अवस्था है खूनी बवासीर में रक्त स्राव होता है अधिक रक्तस्राव होने से रोगे अत्यंत दुर्बल और कमजोर हो जाता है।

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