आर्थराइटिस के घरेलू उपचार, कारण, लक्षण
आजकल भाग दौड़ भरी जिंदगी में आर्थराइटिस (गठिया) रोग से बहुत परेशान हैं यह रोग शुरुआत में तो धीरे धीरे जोड़ों में दर्द से शुरू होता है और आगे चलकर या गंभीर रोग में परिवर्तित हो जाता है, जिसके कारण लोग उठ, चल, बैठ नहीं पाते हैं, आज हम आपको आर्थराइटिस के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे और साथ ही कुछ ऐसे “आर्थराइटिस के घरेलू उपचार’ के बारे में बताएंगे जिनको करके आप घर पर ही इलाज कर सकते हैं।
आर्थराइटिस क्या होता है | what is arthritis
शरीर के जोड़ों में होने वाली लंबे समय के परिवर्तन को अर्थराइटिस कहा जाता है। यह रोग शरीर के किसी भी जोड़ मैं हो सकता है। इस उम्र में संपूर्ण जोड़ों में परिवर्तन आ जाते हैं एवं यह रोग एक साथ शरीर में अनेक जोड़ों में हो सकता है। या किसी भी जोड़ में हो सकता है। आर्थराइटिस रोग शरीर मेंपरिवर्तन 30 से 40 वर्ष की आयु के बाद व्यक्तियों में देखने को मिलता है।
एक निरंतर बढ़ने वाला रोग है। आजकल आर्थराइटिस रोगियों के बढ़ने की संख्या के कारण यह चर्चा के विषय में बना हुआ है। अर्थराइटिस पहले तो आमतौर पर अलग-अलग प्रकार के रोगाणुओं के कारण होता था किंतु इस समय इस प्रकार के आर्थराइटिस कम ही देखने में आते हैं।
आर्थराइटिस के प्रकार | types of arthritis
आर्थराइटिस तीन प्रकार के होते हैं।
1. रह्युमेटोइड आर्थराइटिस
2. ओस्टियोआर्थराइटिस
3. गाउट आर्थराइटिस
1. रह्युमेटोइड आर्थराइटिस | rheumatoid arthritis
यह अर्थराइटिस की एक प्रकार की स्थिति है जिसमें पूरे शरीर की कोशिकाओं में मैं रोगी को पीड़ा या दर्द का अनुभव होता है यह स्थिति तब होती है जब जोड़ों में टूट-फूट आरंभ हो जाती है। रह्युमेटोइड आर्थराइटिस की जटिलता यह है कि इसमें रोगी की स्थिति सुधर रही है और कब खराब हो रही है इसका पता लगाना मुश्किल हो जाती है।
क्योंकि इसमें दर्द की स्थिति समय-समय पर परिवर्तित होती रहती है। इसके लक्षणों में रोगी को प्रारंभ में ज्वार आता है। जोड़ों में दर्द सूजन और हाथ पैर ठंडे रहते हैं। हाथों और पैरों की उंगलियों में सूजन के कारण किसी भी कार्य को करने में कष्ट होता है। यह रोग जब गंभीर हो जाता है तो इसमें रोगी की अंगुलियां टेढ़ी हो जाती हैं। हड्डियों और जोड़ों में दर्द आरंभ हो जाता है। गर्दन को भी प्रभावित करता है।
2. ओस्टियोआर्थराइटिस | osteoarthritis
ओस्टियोआर्थराइटिस लोग प्राया बड़ी उम्र जैसे 30 से 50 वर्ष की आयु के बाद देखने को मिलता है। इसमें लंबे शारीरिक भार सहने वाले जोड़ जैसे- रीड की हड्डी, कूल्हे, इत्यादि को प्रभावित करता है। इस रोग में महिलाओं को प्रभाव हाथों की उंगलियों के पैरों अंगूठे के जोड़ पर भी देखने को मिलता है।
इस रोग का आरंभ चोट लगने अथवा शारीरिक भार बढ़ाने से शरीर में हुई टूट-फूट के कारण होती है। इस रोग के कारण जोड़ों में भारी अकड़न आ जाती है जिससे रोगी को बैठने उठने में तकलीफ बहुत होती है। जिससे रोगी को बहुत कष्ट होता है। इस रोग का खानपान से विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन रोगी मोटापे से ग्रस्त हैं तो उपचार में खानपान का महत्व सबसे अधिक हो जाता है।
3. गाउट आर्थराइटिस | gout arthritis
गाउट आर्थराइटिस रोग ‘गठिया” के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग से पीड़ित रोगी के रक्त के अंदर यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इस रोग की पहचान यह होते हैं हाथ के जोड़ों में सूजन आना, जिसकेकारण असहनीय पीड़ा या दर्द होना। और रोगी को दर्द के कारण बेचैनी रहते हैं। गठिया के कारण जोड़ों का भीतरी भाग कार्य करना बंद हो जाता है।
जोड़ हड्डियों से बने होते हैं जो एक कैप्सूल मैं होते हैं। इस कैप्सूल में एक प्रकार का चिकना द्रव होता है। फ्लूड की सहायता से उंगलियों को जोड़ सरलता से कार्य करते हैं। कैप्सूल के अंदर के उत्तर भी इसे द्रव पर निर्भर करते हैं। गठिया की समस्या तब उत्पन्न होती है जब शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड बनने लगता है और इसके क्रिस्टल कैप्सूल के भीतर पहुंच जाते हैं।
गठिया सर्वप्रथम पंजों से शुरू होता है। यदि गठिया रोग को बिना चिकित्सा के छोड़ दिया जाए तो यह लोग असहनीय दर्द का कारण बन जाता है जो कुछ दिनों अथवा हफ्तों तक बना रहता है। कुछ दिन के बाद इसके क्रिस्टल शरीर के जोड़ो तक पहुंच जाता है। यह रोग और भी जोड़ों को अपने रोग से प्रभावित करता है और यही रोग बढ़ते बढ़ते घुटने कमर हाथों के जोड़ों अंगुलियों तक पहुंच जाता है।
आर्थराइटिस क्यों होता है | Why does arthritis happen?
• शरीर में मोटापा अधिक होना।
• अधिक उम्र वाले व्यक्तियों में।
• किसी प्रकार से गहरी चोट या घाव हो जाने के कारण।
• किसी प्रकार का लोग जो लंबे समय से रोगी को हो उस रोग के कारण।
• रहन-सहन का ढंग ठीक ना होना।
• खानपान और अनुवांशिकता का प्रभाव पड़ना।
• स्त्रियों में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण।
• रोगी को थायराइड रोग होने के कारण।
• रक्त का दूषित होना।
• शरीर में कैल्शियम आयरन की अधिकता हो जाने के कारण।
• शरीर के दूसरे अंगों के संक्रमण के कारण।
• शरीर में पोषण की कमी।
• आंतों को प्रभावित करने वाले रिजाक्स नामक कीटाणु जोड़ों में भी छति उत्पन्न करता है।
• यह रोग सबसे अधिक रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है।
आर्थराइटिस के लक्षण | गठिया रोग की पहचान | Symptoms of Arthritis
• आर्थराइटिस लंबे समय समय तक चलने वाला रोग है।
• आर्थराइटिस का आरंभ धीरे-धीरे होता है।
• यह रोग शरीर के जोड़ों में होता है यह रोग शरीर के संपूर्ण जोड़ों में होता है।
• रोगी को दर्द बहुत लंबे समय से हो रहा होता है।
• सर्दियों के मौसम में यह रोगी को और अधिक दर्द व कष्ट देता है।
• लंबे समय के बाद जोड़ों में खिंचाव आ जाता है।
• रोगी के पीड़ित वह दर्द के स्थान पर दबाने से पर थोड़ा सा मोटा मोटा मिलता है, यह मोटाई हड्डी के बढ़ने से होती है।
• रोग अधिक बढ़ जाने पर शरीर के जोड़ आपस में जुड़ जाते हैं।
• यह रोग शरीर के जोड़ों को सीमित कर देता है।
• जोड़ों में सूजन आ जाती है।
• शरीर में अकड़न और कर कर आहट की आवाज चलने पर जोड़ों से साफ सुनाई देती है।
• सुबह उठने पर जोड़ अकड़ जाते हैं।
• इस रोग के होने पर सबसे अधिक सीढ़ियां चढ़ने में दर्द होता है।
• इस रोग से सबसे अधिक रीड की हड्डी कमर प्रभावित होते हैं।
आर्थराइटिस टेस्ट | गठिया | Arthritis Test
एक्स रे- इस जांच में हड्डियों और जोड़ों में परिवर्तन होना
रक्त जांच में-
• हीमोग्लोबिन कमी होता है।
• TLC बढ़ जाता है।
• E.S.R. की मात्रा बढ़ जाती है।
• लिम्फोसाइट की मात्रा बढ़ जाती है।
गठिया रोग में क्या खाना चाहिए | what to eat in gout | आर्थराइटिस
सुबह नाश्ते में फलों का सेवन करना चाहिए।
हरी सब्जियों का सबसे अधिक सेवन करना चाहिए।
शरीर में पानी की कमी ना होने दें समय-समय पर पानी पिए।
गठिया में क्या नहीं खाना चाहिए | what not to eat in gout
तले बनी चीजों का कम से कम सेवन करें, फास्ट फूड सेवन ना करें।
आर्थराइटिस के घरेलू उपचार | गेहूं का आटा और बकरी के दूध से | Arthritis Home Remedies | from wheat flour and goat’s milk
शुद्ध गेहूं का आटा लेकर बकरी के दूध में उबालकर उसका लेप घुटने या दर्द वाले स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस घुटने के इलाज के घरेलू उपचार | गाय के घी और गुड से | Osteoarthritis Knee Treatment Home Remedies | Cow Ghee and Jaggery
पुराना गुड लेकर गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से गठिया रोग नष्ट हो जाता है।
आर्थराइटिस के घरेलू उपचार | आक पत्तों से- | Arthritis Home Remedies | from leaves-
आक के दो तीन पत्तों को कूट पीसकर एक पोटली में करके उस पोटली में घी लगाकर तवे पर गर्म करके सेक ले, फिर ऊपर से आक के पत्तों को बांध ले, इस प्रयोग से गठिया/आर्थराइटिस रोग में लाभ होता है।
आर्थराइटिस का घरेलू उपचार | अगस्त और धतूरे से | Arthritis Home Remedies | from August and Datura
अगस्त की जड़ और धतूरे की जड़ दोनों को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर एक पोटली में बांधकर गठिया के दर्द के स्थान पर सेकने से गठिया में लाभ होता है।
गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय | अरंडी से- | Remedies to get rid of gout from castor-
अरंडी को लेकर उसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर पीसकर यह लेप घुटनों पर लगाने से लाभ होता है।
आर्थराइटिस के घरेलू उपचार | अम्बरबेल से- | Arthritis Home Remedies | From Amberbell-
रोगी को अम्बरबेल का बफारा देंने से गठिया रोग की सूजन शीघ्र शांत हो जाती है, और दर्द तुरन्त लाभ होता है।
गाउट का घरेलू उपचार | करेले से- | Home Remedies for Gout | From bitter gourd-
करेले के रस में शहद मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने से गठिया में लाभ होता है।
और विराम
आर्थराइटिस के घरेलू उपचार | तिल के तेल और अजवाइन से | Arthritis Home Remedies | Sesame oil and celery
तिल के तेल में अजवाइन को पकाकर इस तेल को गठिया रोग में मालिश करने से गठिया में लाभ होता है।
गिलोय से गठिया का इलाज | Gout treatment with Giloy
गिलोय को लेकर उसका स्वरस का सेवन करने से गठिया में लाभ होता है।
गठिया के दर्द से तुरंत राहत | आंवला और गुड़ से – | Instant Relief From Arthritis Pain | From Amla and Jaggery –
20 ग्राम सूखा आंवला और 20 ग्राम गुड़ को लेकर 500ml पानी में उबालकर 250ml पानी शेष रह जाने पर छानकर सुबह-शाम सेवन करने से गठिया में लाभ होता है। इस प्रयोग काल में नमक का सेवन ना करें तो पूर्ण लाभ मिलेगा।
आर्थराइटिस के घरेलू उपचार | अलसी के तेल से – | Arthritis Home Remedies | from linseed oil
अलसी के तेल को मालिश करने से गठिया बाई की सूजन कम हो जाती है तथा दर्द भी नष्ट हो जाता है इस प्रयोग से आर्थराइटिस में लाभ होता है।
लहसुन से गठिया का इलाज | Gout treatment with garlic
सरसों की शुद्ध तेल को लेकर लहसुन को विध वत पकाकर गठिया में लगाने से लाभ होता है।
आर्थराइटिस के घरेलू उपचार | अमरूद के पत्तों से | Arthritis Home Remedies | from guava leaves
अमरूद के ताजे व कोमल पत्तों को लेकर दर्द वाले स्थान पर लेप लगाने से दर्द नष्ट हो जाता है तथा घटिया में लाभ होता है।
गाउट का घरेलू उपचार | अश्वगंधा चूर्ण से- | Home Remedies for Gout | From Ashwagandha powder-
अश्वगंधा चूर्ण को आप 2 से 3 ग्राम की मात्रा में गर्म दूध के साथ सेवन करने से गठिया बाई में लाभ होता है।
आर्थराइटिस का आयुर्वेदिक इलाज | ayurvedic treatment for arthritis
योगराज गुग्गुल (बैद्यनाथ)
आर्थराइटिस [ गठिया ] का होम्योपैथिक इलाज | Arthritis | homeopathic treatment of gout
PULSATILL 30CH.
SULPHUR 30CH.
ACONITE NAP. 30CH.
LYCOPODIUM 30CH.
RHUS TOX. Q.
CHINA 200.
BRYONIA ALB.30CH.
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